महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमण के विद्वान शिष्य मुनि श्री सिद्ध प्रज्ञ ने शरद पूर्णिमा की रात्रि में 9:00 बजे प्रेक्षा ध्यान का विशेष प्रयोग कराते हुए कहां आज की रात पूर्णिमा की रात है जैसे 16 कलाओं से परिपूर्ण चंद्रमा हमें परिपूर्ण होने की प्रेरणा देता है वैसे ही हमें संपूर्ण विकास करना चाहिए। ध्यान के द्वारा यह योग्यता प्राप्त होती है जिसके द्वारा हम शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक शांति, भावनात्मक संतुलन एवं आध्यात्मिक शक्तियों का विकास कर सकते हैं।
महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमण के विद्वान शिष्य मुनि श्री सिद्ध प्रज्ञ ने शरद पूर्णिमा की रात्रि में 9:00 बजे प्रेक्षा ध्यान का विशेष प्रयोग कराते हुए कहां आज की रात पूर्णिमा की रात है जैसे 16 कलाओं से परिपूर्ण चंद्रमा हमें परिपूर्ण होने की प्रेरणा देता है वैसे ही हमें संपूर्ण विकास करना चाहिए। ध्यान के द्वारा यह योग्यता प्राप्त होती है जिसके द्वारा हम शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक शांति, भावनात्मक संतुलन एवं आध्यात्मिक शक्तियों का विकास कर सकते हैं।